Sunday 28 July 2013

SAVE FEMALE CHILD

सूरज की पहली किरण से शाम की स्याह चादर तक, दूर क्षितिज से ऩीले अंबर तक प्रकृति की निराली छठाओं के बीच कुछ है तो वो है "बेटियाँ" अर्थात औरत का एक रूप ,सृष्टी के आदि और अंत के बीच एक सच है तो वो है बेटियाँ फिर बेटियों से इतनी नफरत क्यों? आईये एक नया और ईमानदार संकल्प लें-----------"बेटियों को बचायें".