स्मृ ति करवी हो या मीठी इंसान के बजूद को हमेशा झकझोरती है। हम अपने अतीत से पीछा छुड़ाने की बहुत कोशिश करते है पर कामयाब नहीं होते। भले ही इकीसवीं सदी में जाने की बात करें पर हमारी मानसिकता तो बरसों पुरानी है,हमने औरत को आग में जलाया है है सती प्रथा के नाम पर, घरों में कैद किया है पर्दा प्रथा की खातिर। हमारा देश वो है जहाँ बेटियां मार दी जाती है आज भी जन्म के तुरंत बाद फिर हम क्या आशा करें अपने देशवासियों से। ................ क्या वो बेटियों को जीने देंगे ?
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